1 प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने, महिलाओं के हितों की देखभाल व उनका संरक्षण करने,
महिलाओं के प्रति भेदभाव मूलक व्यवस्था, सिथति और प्रावधानों को समाप्त करने हेतु पहल
कर उनकी गरिमा व सम्मान सुनिशिचत करने, हर क्षेत्र में उन्हें विकास के समान अवसर दिलाने,
महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों एवं अपराधों पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए प्रदेश
में राज्य महिला आयोग का गठन किया गया है ।
2 राज्य महिला आयोग महिलाओं के मित्र, शिक्षक,
शुभचिंतक और संकल्पशील परामर्शदाता के रूप में कार्यरत है । यह आयोग एक संवैधानिक निकाय
है जिसे सिविल अदालत के अधिकार प्राप्त हैं । इस आयोग को सतर्क जांचकर्ता, परीक्षणकर्ता
और प्रेक्षक की हैसियत प्राप्त है । आयोग ऐसा अधिकार पूर्ण निकाय है जिसकी सिफारिशों
को सरकार अनदेखा नहीं कर सकती है ।
3 यह आयोग सात सदस्यीय है, छ: सदस्य अशासकीय व एक
सदस्य शासकीय है । राज्य सरकार ने अशासकीय में से अध्यक्ष को मंत्री तथा अन्य सदस्यों
को राज्य मंत्री का दर्जा दिया है । मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग का प्रथम गठन राज्य
सरकार द्वारा दिनांक 23 मार्च 1998 को मध्यप्र्रदेष राज्य महिला आयोग अधिनियम 1995
(क्र0 20 सन 1996) की धारा 3 के तहत किया गया।
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